एक पानी की बोतल!

क्या आपने सोचा है कभी , कि एक पानी की बोतल किस तरह से आपका पूरा मूड बिगाड़ सकती है। चलो आपके के साथ एक ऐसा ही किस्सा साझा करती हूं। एक छोटी सी कहानी के जरिए

एक दिन अंजली अपने एक दोस्त के साथ दिन के खाने का प्रोग्राम बनाती है, और ऐसे होटल में जाती है जिसका नाम उसने पहले तो सुना था पर कभी वहां जा नही सकी। तो आज वहां जाना तय हुए और उसे काफी समय से मंचूरियन खाने की इच्छा थी तो वही ऑर्डर करवाया गया, रेट भले ही थोड़ा बजट के बाहर थे पर सोचा कभी तो नई जगह पे आने का और वहां के खाने का स्वाद लेने का अनुभव किया जाए । तो रेट के हिसाब से क्वांटिटी और क्वालिटी दोनो ही अच्छी थी। खाने में मजा भी आया, दोनों साथियों ने खाने अच्छे से एंजॉय करके , बातें करके खाया। फिर उसके बाद कॉफी पीने का प्लान बना तो सोचा होटल की ही दूसरी ब्रांच कैफे की थी तो कॉफी के लिए वहीं जाना तय हुआ। काफी का ऑर्डर दिया गया, थोड़े इंतजार के बाद कॉफी आई , लग भी काफी अच्छी रही थी, तो उसका भी लुफ्त उठाया गया, पर आने से पहले वहां के स्टाफ ने टेबल पर एक ब्रांड न्यू पानी की बोतल और दो ग्लास वहां पर रख दिए थे। तो फिर दोनो साथियों ने अच्छे से कॉफी का लुफ्त उठाया और पर जाते जाते गलती अंजली ने पानी पीने की इच्छा जाहिर की सोचा ऊपर खाना खाने से पहले भी इन्होंने ऐसे ही पानी की बॉटल और दो ग्लास रखे थे तो यहां भी एक जैसा ही होगा और वो पानी की बॉटल खोल ग्लास में थोड़ा पानी भरकर पानी पीने लगी। और थोड़ी देर में वो दोनों वहां से चलने लगे तो एक स्टाफ का सदस्य आया और रोक कर कर बोला की मैम आपको इस पानी की बॉटल के भी रूपये देने पड़ेंगे। पहले तो ये बात हजम नहीं हुई और फिर जब उस बॉटल का बिल देखा तो जितना अभी तक जितनी तारीफ उसने होटल कि की थी अब वही उसे खटकने लगे, १०० रूपये की एक बॉटल । वो मन में सोचने लगी पानी तो उसके पास भी उसने वह क्यों नहीं पिया, और १०० रूपये के बजाय उसके आधे रूपये की सेम बॉटल उनको क्यों नहीं थमा दी। और इसी कशमकश में वह बिल चुकाकर चली गई।