भारत अपनी तकनीकी के दम पर किसी भी क्षेत्र में अब पीछे नहीं रहा है, देश विश्वभर अपने होनहार देशवासियों की काबिलियत से अपनी छाप छोड़ रहा है। आप सभी यह जानते होंगे की अंतरिक्ष दिवस के दिन यानी 23 अगस्त को चंद्रयान3 मिशन में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिग कर इतिहास रचा। जिसमे इसरो चीफ सोमनाथ एवं उनकी पूरी टीम ने अपनी मेहनत, लगाव, और देशभक्ति का परिचय दिया। यह मिशन अपने कम खर्चे और आधुनिक तकनीक की वजह से सुर्खियों में रहा।
चीफ सोमनाथान की कौनसी बात ने सुर्खियां बटोरी
हाल ही में 15 अक्टूबर के दिन यानी देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी की 92वीं जयंती मनाई गई और उन्ही की याद में सभा का अयोजन किया गया जहां इसरो चीफ सोमनाथन ने बच्चों के साथ कुछ बातें साझा की।
उन्होंने एक ऐसा वाकया साझा किया जिसने अखबार की खूब सुर्खियां बटोरी। बात यह थी की जब इसरो चंद्रयान 3 को अंतरिक्ष में भेजने की योजना कर रहे थे तो उसकी जांच परख करने के लिए , की लैंडर सही से काम करेगा की नहीं, के सिलसिले में नासा की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (जेपीएल) के कुछ विशेषज्ञों को देश में आमंत्रित किया। और उन्हें बताया कि देखिए की हमनें किस तरह से चंद्रयान ३ को बनाया है, मात्र 75 मिलियन डॉलर के बजट में इस मिशन की तैयार किया है, तो यह सब जानकर नासा के विशेषज्ञ जो की कार्लिफोर्निया इंस्टीट्यूट और टेक्नोलॉजी से संबंध रखते हैं हैरान रह गए। आप को बता दें इतनी कम धनराशि में रशिया का लुनार मिशन अच्छे से लॉन्च नहीं हो सकता है, एक हॉलीवुड फिल्म तक इतने कम बजट में नहीं बन सकती है और इसरो ने पूरा चंद्रयान 3 मिशन बना दिया है।
तभी जेपीएल के विशेषज्ञों ने यह देख बड़े आश्चर्य के साथ कहा की आज हमारा विज्ञान , तकनीक विश्व के सर्वश्रेष्ठ तकनीकों में से एक है, और कहा की अपने इतने कम दाम में इतनी बेहतरीन चीज बनाकर तैयार कर दी है क्यों आप नासा को यह तकनीक बेच देते हैं। और इसी ने वाकया ने खूब सुर्खियां बटोरी की नासा हमारे देश की टेक्नोलॉजी को खरीदने के लिए उम्मीदवार है।
जानिए जेपीएल क्या है?
यह नासा की सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध प्रयोगशाला है जो हमारे देश की आजादी से भी पहले स्थापित हुई है और जिसने न केवल नासा को लैंडिंग में महारत हासिल करवाई वरन कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जहां हम चंद्रयान मिशन जो पृथ्वी का उप ग्रह है उस पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने की खुशी मना रहे हैं, वहीं जेपीएल ने चंद्रमा के अलावा, दूसरे ग्रह मंगल पर 5 बार की सफलतापूर्वक लैंडिंग करवा चुका है।