हम आजाद कैसे ?

So today I am gonna talk about freedom.
So what do you people think about freedom, what does this mean to you, how do you get this?

क्या समझते हो आप स्वतंत्रता से , इस शब्द को पढ़ के कुछ और दिमाग में आए या न आए, पर देश की आजादी का ख्याल जरूर आ जाएगा । और मैं उस संदर्भ मैं नहीं जा रही हूं बस एक फैक्ट के बारे में कह रही थी तो ये बात यहीं खत्म ।
तो क्या है ये स्वतंत्रता या आजादी, और कितने लोग इस शब्द का मतलब वास्तविकता में समझते हैं, और इसे महसूस करते हैं , अपने को आजाद पाते हैं.
कुछ तो इस शब्द का मतलब ही नहीं समझते होंगे बस उनके लिए वही आजादी है जब हमारा देश आजाद हुआ तो हम भी आजाद हुए , कुछ को पूछा जाए कि आपके लिए आजादी का क्या महत्व है आप किस तरह से खुद को आजाद मानते हो, तो शायद बहुत कम होंगे जो उसका उत्तर दे पाएंगे। और मैंने इसके बारे में पूछा भी तो वो एकदम से इसका उत्तर नहीं दे पाए। कुछ समय लिया हर किसी ने और शायद में भी न दे पाऊं।

इतना सोचना क्यों पड़ा

उन सबको , क्योंकि उन्होंने कभी इसके बारे में सोचा ही नहीं। और सोचते भी कैसे कभी किसी ने न इसके बारे में बात की और न खुद कभी समझा और न समझाया। हाँ अब सबको वित्तीय स्वतंत्रता के बारे में पता है की आप मेहनत करोगे अच्छा कमाओगे तो आपको कुछ भी करने के लिए खासकर पैसों के मामले में दो बारी सोचना नहीं पड़ेगा और कोई उसमें दखल भी नहीं देगा। लोग इसे समझ भी रहे हैं और अपने जीवन में इससे बेहतरी ला भी रहे है। क्योंकि अभी तक उनको उन में से खासकर महिलाओं को अपनी पहचान के लिए आवाज उठानी पड़ी , हर समय घर के खर्च के लिए पति से पैसे मांगने पड़ते थे, खुद पे खर्च करने से पहले दो बार सोचती , और ऐसा क्यों होता?  काम तो वो भी अपने पति जितना करती , हर दिन करती पर उसे ऐसा क्यों करना पड़ता। कोई भी फैसला लेने से पहले उसे किसी की इजाजत लेने की जरुरत क्यों पड़ती। मर्दों ने ( इसमें हर कोई नहीं आता ) कभी आजादी का जिक्र नहीं किया क्योंकि उन्हें कभी इसे महसूस करने की जरुरत नहीं पड़ी। तो उन्होंने कभी ये समझा ही नहीं।

शायद सब खुशियों ओर जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा पा रहे हैं उसी को ही अपनी आजादी समझते हो उन भावनाओं से आजाद समझते हो जो कभी कभी आपको उत्तेजित करती होंगी, दुखी करती होंगी । और में भी इसका जवाब न दे पाऊं की वास्तविकता में आजादी है क्या। हर किसी के लिए इसकी परिभाषा अलग होगी अगर होगी तो (इसके लिए मैं संसय confusion में हूँ ) पर फिर भी मन में जो है वो लिख रही हूँ।

मेरे हिसाब से आजादी वो है जिसमें आप बंधे न हो, अपने फैसले खुद से ले सको (और अगर गलती से ले लिए तो उस पर अमल करना सरल नहीं है) , जहां घूमने का दिल करे वहां जा सको ये सोचे बिना की और लोग क्या कहेंगे हमारे बारे में ( वैसे सोचना शब्द भी लिखना चाह रही थी पर पिछला ब्लॉग इसी पे आधारित था तो बहुत सोच लिया था हमने उसमें तो इस ब्लॉग में कम ही इस्तेमाल करूंगी इस शब्द को) , वो करना जो आप करना चाह रहे हो बिना किसी अफसोस के , और अफसोस होने एक तभी पता चलेगा जब आप उसे करोगे । पर ये सब कितने लोग कर पाते हैं और कब तक।

हम हमेशा दूसरों के सिद्धांत को अपनाते हैं, पर कभी खुद के लिए खुद का सिद्धांत बनाने की क्यों नहीं सोचते , क्या पता वो दूसरों से भी अच्छे हो। जब आप खुद के लिए फैसले लेने लगोगे , कभी कभी खुद के लिए जीना चाहोगे तब शायद आप उस आजादी को महसूस कर सकोगे। परिवार , रिश्ते , नौकरी , शादी , समाज ये सब ज़िन्दगी के ऐसे मुख्य पहलु हैं जिनसे आप कभी भाग नहीं सकते हो और भागना भी क्यों है पर आप खुद के लिए तो एक कदम बढ़ा सकते हो न , खुद के लिए लड़ सकते हो , उड़ सकते है, जो करना है कर सकते हो वो सब करो जो आपको आप होना महसूस करवाए।

So this is  for today. Please think about this , and let me know what does freedom means to you.

Abhilasha Thapliyal