डायरी के पन्ने , कुछ किस्से कुछ कहानियां

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तो ये मेरी कहानी है, मेरे किस्से हैं, मेरे अनुभव हैं, मेरी भावनाएं हैं। जब भी मन में कोई हलचल होती तो उसे मैं अपनी डायरी में शब्दों के साथ पिरोती, और सहेज के रख देती। तो बस शायद 2018 से डायरी लिखना शुरू कर दिया था। कुछ नया हुआ तो लिख दिया, कुछ बुरा हुआ तो लिख दिया, कुछ अच्छा किया तो उसे लिखा, गलत किया तो उसे लिखा , कुछ शिकायतें लिखी, कुछ को लिख के मन हल्का किया, जितना हो सका उतना सब कविता के जरिए या आर्टिकल के जरिए लिख दिया।

तो आज से कुछ कुछ आप सबके साथ भी साझा करूंगी।

Date -11/4/2018

कभी कभी सोचती हूं कि जो भी मेरे साथ अनएक्सपेक्टेड चीजें होती है वो अच्छी हुई या बुरी , आइए दिखती हूं।

मैं एक इंजीनियर बनना चाहती थी पर नहीं बन सकी। तो मैने bsc की, और मेरे पापा चाहते थे कि मैं बीएड करूं पर परसेंटेज अच्छी न होने के कारण नहीं कर सकी। जो एक तरह से अच्छा हुआ क्योंकि मैं करना भी नहीं चाहती थी। और जो आजकल हो रहा है समझ नहीं आ रहा है। स्टेनो सीख रही हूं जो ज्यादा अच्छे से नहीं हो पा रही है जिससे मूड खराब हो जाता है। आशीष सर के पास इंग्लिश के लिए जाना, उनकी डांट खाना, हाथ खड़े करके खड़ा होना। और आज तो आधे से ज्यादा क्लास के बच्चों के साथ क्लास के बाहर भी खड़े हुए।

तो ये क्या हो रहा है मेरे साथ। पर मेरे लिए ये सब मेरी अच्छी यादें हैं। Bsc करने के बाद मुझे डांट पड़ी, ज्यादा बोलने के कारण क्लास से भी बाहर होना पड़ा। जिसके लिए मुझे शर्मिंदा होना चाहिए। पर मैं नहीं हुई।

हां सर थोड़े खडूस हैं पर एक महान व्यक्ति हैं। वो हमें अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में बताते हैं और हमें प्रोत्साहित करते हैं।

मुझे लगता है जो भी हमारे साथ होता है वो अच्छे के लिए ही होता है जिससे हम सभी आश्चर्य से भर जाते हैं। और कुछ वो होता है जो हम चाहते हैं। की आपको कोई पटाना चाह रहा है और आप उसे मन करते जा रहे हो। सर के साथ बहस, और उनका ये कहकर चुप कराना की ये सब बहाने हैं। पर मैं ये सब आज इस डायरी में लिख रही हूं कि कभी बाद में इसे पढूंगी तो थोड़ी शर्म आएगी और थोड़ी हंसी भी , पर पछतावा कभी नहीं होगा।

तो ऐसे कुछ किस्से आपके साथ साझा करती रहूंगी और आपको ये पढ़ के कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइयेगा। क्योंकि इतनी मसकत के बाद अब जाके कमेंट का ऑप्शन आ ही गया है।

2 thoughts on “डायरी के पन्ने , कुछ किस्से कुछ कहानियां

  1. Isse pdke ek quote yaad ata hai “When you change the way you look at things,the things you look at change.”

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